19 March 2022 11:54 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। ज़माना बड़ा खराब आ गया है। लोगों में सहनशीलता खत्म होती जा रही है। छोटी छोटी बातों पर हत्या जैसी खतरनाक वारदातें की जा रही है। होली के दिन शोभासर चौराहे पर हुए डबल मर्डर केस में पुलिस को मिली पहली सफलता के साथ ही यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बीछवाल पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि दो आरोपी हत्थे चढ़ चुके हैं। अभी तक गिरफ्तार आरोपी का नाम उजागर नहीं किया गया है। उसे बापर्दा गिरफ्तार किया है। नाम उजागर ना करने के पीछे शायद पुलिस की रणनीति हो।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि मृतक ने आरोपियों पर पानी की बोतल फेंकी थी। इसी बात से गुस्साए आरोपियों ने रास्ता रोककर दो युवकों पर चाकू से वार किए थे।
ये थी घटना: होली के दिन बीछवाल पुलिस को सूचना मिली थी कि शोभासर चौराहे पर दो युवक घायल अवस्था में पड़े हैं। थानाधिकारी मनोज शर्मा मय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों की पहचान बजरंग धोरा पूगल रोड़ निवासी 23 वर्षीय श्यामलाल पुत्र तेजाराम लोहार व 30 वर्षीय गिरधारी पुत्र मोहनराम लोहार के रूप में हुई। मुकेश पुत्र भैराराम लोहार ने पुलिस को बताया कि वह, उसका मामा श्यामलाल, भाई गिरधारी लाल व कानाराम नायक शोभासर से आगे नहर में नहाने गए थे। लौटते समय गिरधारी ने शोभासर चौराहे पर खड़े दो लड़कों पर पानी की बोतल मार दी। इससे नाराज युवकों ने मोटरसाइकिल से उनकी मोटरसाइकिल का पीछा किया। उनकी मोटरसाइकिल को ओवरटेक कर अपनी मोटरसाइकिल आगे लगाकर उन्हें रोक लिया। आरोपियों ने गाली गलौच व मारपीट शुरू कर दी। एक लड़के ने चाकू निकालकर श्यामलाल व गिरधारी के पेट में घोंप दिया। दोनों वहीं पर गिर गए। वह और कानाराम जान बचाकर भाग गए।
फिर शुरू हुआ एसपी योगेश यादव की टीम का एक्शन: आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी योगेश यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही चार टीमों का गठन किया। एएसपी अमित कुमार बुडानिया व सीओ पवन भदौरिया के डायरेक्ट सुपरविजन में थानाधिकारी मनोज शर्मा, नाल थानाधिकारी विक्रम सिंह चारण, नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण व सदर थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा के नेतृत्व में चार टीमें गठित की गई। डीएसटी को जांच में शामिल किया गया।
एएसपी अमित कुमार, सीओ पवन कुमार व सीओ सिटी दीपचंद सहित पुलिस टीमें शोभासर चौराहे पहुंची। एम ओ बी, एफ एस एल, डॉग स्क्वायड सहित विभिन्न तकनीकी टीमें बुलाई गई। एसपी यादव ने पचास से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपियों की धरपकड़ के काम में लगाया। पुलिस टीमें रात भर इधर उधर भागती रही। संदिग्धों को उठाकर उनसे पूछताछ की गई। 24 घंटे के अंदर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मगर रहस्य यह है कि गिरफ्तार आरोपी का नाम गोपनीय रखा गया है। वहीं दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी भी अभी तक दिखाई नहीं गई है। सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे कोई बड़ा कारण हो सकता है। अक्सर शिनाख्त परेड ना होने से पुलिस आरोपियों को बापर्दा गिरफ्तार करती है। मगर नाम उजागर कर दिया जाता है।
ये भी थे एक धार भागने वाली एसपी यादव की पुलिस टीम में शामिल: एएसआई जिले सिंह, हैड कांस्टेबल ओमसिंह, हैड कांस्टेबल रामनिवास, हैड कांस्टेबल जोधाराम, कांस्टेबल पुष्पेन्द्र सिंह, कांस्टेबल पुरुषोत्तम, कांस्टेबल रवि कुमार, कांस्टेबल रामकेश, कांस्टेबल भंवरलाल, कांस्टेबल ईशाराम, कांस्टेबल रामनिवास, कांस्टेबल राजकमल, कांस्टेबल रविन्द्र सिंह, कांस्टेबल विरेंद्र सिंह, डीएसटी के एएसआई रामकरण सिंह, हैड कांस्टेबल दीपक यादव, हैड कांस्टेबल सत्तार खान, कांस्टेबल वासुदेव, कांस्टेबल योगेन्द्र कुमार व ड्राईवर कांस्टेबल पूनमचंद शामिल थे।
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