02 March 2022 01:02 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम के कोविड आईसीयू में आईपीएस अफसर के परिजनों व नर्सिंग कर्मियों के बीच हुए विवाद के दूसरे दिन भी नर्सिंग कर्मी नाराज नजर आ रहे हैं। हालांकि बीती रात अंतिम वार्ता के बाद वे ड्यूटी पर लौट गए थे, मगर अभी भी सांकेतिक धरने के मूड में हैं। मामले में अब तक दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। पीबीएम अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही ने प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर को अपनी फेक्चुअल रिपोर्ट भेज दी है। आइए समझते हैं पूरा मामला और अब तक का अपडेट:-
28 की रात यूं बनी झंझट की रात: बताया जा रहा है कि बीकानेर आरएसी तीसरी बटालियन में पदस्थापित आईपीएस देवेंद्र विश्नोई की माता कृष्णा देवी को कोविड आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। आरोप है कि मरीज परिजनों ने नर्सिंग कर्मियों के ड्यूटी रूम में अनाधिकृत कब्जा कर लिया। इस अनाधिकृत कब्जे में डॉ अजय कुमार की भूमिका मानी गई है। यहां दो ड्यूटी रूम है, एक चिकित्सकों का व दूसरा नर्सिंग कर्मियों का, मगर वॉश रूम केवल नर्सिंग ड्यूटी रूम में ही है। ड्यूटी पर डॉक्टर व नर्सिंग को मिलाकर कुल सात कर्मचारी थे। कोविड वार्ड होने से बार बार हाथ धोने के लिए वॉश रूम जाना पड़ता है। इसके अतिरिक्त यूरिनल के इस्तेमाल तथा रेस्ट के लिए भी ड्यूटी रूम की जरूरत पड़ती है। आरोप है कि आईपीएस का पुत्र व पुत्रवधू ड्यूटी रूम में सोए थे। नर्सिंग कर्मियों को परेशानी हो रही थी। नर्सिंग कर्मी तेजमल थैरी जब ड्यूटी रूम में गया तो दोनों पति पत्नी सोए थे। तेजमल ने फोटो खींच ली। यहीं से हंगामा शुरू हुआ।
बताया जा रहा है कि फोटो खींचने के बाद आईपीएस परिजनों ने तेजमल के साथ मारपीट व गालीगलौच की। बीच बचाव में आई नर्स के साथ भी बदतमीजी की गई। नर्सिंग अध्यक्ष रमजान कच्छावा के अनुसार मरीज़ परिजनों के साथ बड़ी संख्या में आर एसी के जवान भी थे। सबने मिलकर नर्सिंग के साथ मारपीट की। उसका फोन छीन लिया।
-सुबह होते ही नर्सिंग हुए लामबंद: देर रात की घटना की सूचना के साथ ही सुबह आठ बजे करीब 1200 नर्सिंग कर्मी हड़ताल पर चले गए। हालांकि कोविड आईसीयू के अतिरिक्त हर आईसीयू पर एक-एक नर्सिंग ड्यूटीरत रहा। नर्सिंग कर्मी दरवाजे पर धरना लगाकर बैठ गए। घंटों बाद एडीएम सिटी मौके पर पहुंचे मगर बात नहीं बनी। पीबीएम अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही ने वार्ता की। नर्सिंग कर्मियों ने मुकदमें सहित विभिन्न मांगे की। कहा कि मुख्यमंत्री के पूर्व निर्देशों की पालना करते हुए विशेष एक्ट में मुकदमें दर्ज किए जाएं।
नर्सिंग रमजान के अनुसार उन सब पर खूब दबाव बनाया गया। देर शाम तक आला अधिकारी नहीं पहुंचे। देर रात कलेक्टर सभागार में कलेक्टर व नर्सिंग कर्मियों के बीच वार्ता चली।
-दबाव बना तो दर्ज हुए मुकदमें मगर दोनों तरफ से: मामला शांत नहीं हुआ, नर्सिंग मुकदमा दर्ज करने की बात पर अड़े रहे। आखिर पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। हालांकि पहले मुकदमा नर्सिंग कर्मी के खिलाफ दर्ज किया, बाद में क्रॉस मुकदमा मरीज़ परिजनों के खिलाफ किया।
मरीज़ परिजन की ओर से दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया कि नर्सिंग तेजपाल ने प्रार्थी की तरफ घूरा। कामुक टिप्पणी की व पति-पत्नी की आपत्तिजनक फोटो खींच ली। धारा 354, 506 व 509 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं नर्सिंग की तरफ से सुरक्षा अधिकारी ने बेड नंबर 14 की मरीज़ के परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। आरोप लगाया कि अनाधिकृत रूप से नर्सिंग ड्यूटी रूम पर कब्जा किया। कार्य में बाधा पहुंचाई। ऑन ड्यूटी नर्सिंग से मारपीट की। महिला नर्सिंग कर्मी से भी बदतमीजी की। दोनों ही मुकदमों की जांच सब इंस्पेक्टर भंवरलाल को दी गई है।
-पीबीएम अधीक्षक ने भेजी ये रिपोर्ट:- पीबीएम अधीक्षक ने शासन को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी। इसी के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही ने रिपोर्ट में लिखा मरीज़ परिजनों ने ड्यूटी रूम पर अनाधिकृत कब्जा किया। इसमें जिले में पदस्थापित आईपीएस अधिकारी के परिजन व पुलिस कर्मी शामिल हैं। मुकदमा दर्ज कर जांच अन्य जिले के अधिकारियों से करवाई जाए।
डॉ अजय कपूर को इस अनाधिकृत कब्जे में सहयोगी बताया। उन पर भी कार्रवाई के लिए लिखा।
निष्पक्ष जांच की नहीं उम्मीद: बीकानेर नर्सिंग संघर्ष समिति का कहना है कि आईपीएस अफसर के पुत्र व पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच एक सब इंस्पेक्टर निष्पक्ष रूप से नहीं कर सकता। वह अफसर के दबाव में कार्य करेगा। हालांकि कलेक्टर ने प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी बनाने की बात कही थी। नर्सिंग कर्मी अब न्यायिक जांच चाहते हैं। अगले तीन दिवस ड्यूटी करते हुए विरोध जताएंगे।
पीएमओ तक शिकायत भेजने की तैयारी: नर्सिंग कर्मी अब मामले की शिकायत, मुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय भारत सरकार व पीएमओ तक भेजने की तैयारी में हैं। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तक मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पहले ही जा चुकी है। नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि आज एक वीआईपी के परिजनों ने अनाधिकृत कब्जा व मारपीट की है, कर फिर कोई और करेगा। यह नर्सिंग कर्मियों के हक व सुरक्षा की लड़ाई है।
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