07 November 2021 03:06 PM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। डेंगू के तांडव के बीच पीबीएम की डीडीसी ने मरीजों की नाक में दम कर रखा है। हालात यह है कि लीवर संबंधी समस्या में काम आने वाला एल्बूमिन इंजेक्शन इमरजेंसी में भी 24-24 घंटे बाद लग रहा है। इसके अतिरिक्त विभिन्न जांचों में काम आने वाले इंजेक्शन भी मरीजों को देरी से बमुश्किल मिल पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक डीडीसी नंबर 4, डीडीसी नंबर 22 व फ्री कमरा नंबर 6 हर रोज मरीजों को परेशान करता है। दरअसल, इन दिनों बहुत सारे डेंगू मरीजों को एल्बूमिन इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। इस इंजेक्शन की बाजार में कीमत पांच से दस हजार रुपए है। राज्य सरकार ने पीबीएम में यह इंजेक्शन मुफ्त कर रखा है। मुफ्त इंजेक्शन के लिए इंचार्ज को इंडेड बनाना पड़ता है। इसके बाद नोडल अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। फिर यह इंजेक्शन डीडीसी नंबर 4 से लाना पड़ता है। सुबह के समय तो डीडीसी नंबर 4 से यह इंजेक्शन आसानी से मिल जाता है, लेकिन रात व आधीरात के बाद मरीजों को बहुत परेशानी होती है। परेशानी इसलिए भी बड़ी हो जाती है कि यह इंजेक्शन कूलिंग में रखना होता है, इसलिए डीडीसी 4 में ही मिलता है। इसके अतिरिक्त नोडल अधिकारी की गैर मौजूदगी से भी परेशानी हो रही है। शिकायत है कि नोडल अधिकारी भी हर समय मौजूद नहीं रहते। कुछ ऐसे ही हालात डीडीसी नंबर 22 व मुफ्त कमरा नंबर 6 के हैं। 6 नंबर में भी नोडल नहीं मिलता हैं। तो 4 व 22 नंबर डीडीसी में ड्यूटी स्टाफ नदारद रहता है। यहां लपके खड़े रहते हैं। इसके पीछे बाजार की दुकानों को फायदा पहुंचाने की साज़िश का अंदेशा भी है।
बता दें कि डीडीसी 24 घंटे सेवाएं देने के लिए पाबंद है, बावजूद इसके मरीजों को परेशान करती है। अगर ड्यूटी स्टाफ पूरे समय मौजूद रहे तथा 22 नंबर डीडीसी को भी 24 घंटे के लिए चालू कर दिया जाए तो समस्या कम हो सकती है।
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