14 July 2020 02:30 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कांग्रेस में आए भूंकप ने कांग्रेस का ढ़ांचा हिला कर रख दिया है। भले ही अशोक गहलोत व कांग्रेस राजस्थान में अपनी सरकार बचाने को ही जीत मान रहे हों, लेकिन सच कुछ और है। सचिन पायलट का जाना केवल एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम का जाना है, इसे केवल विधायकों तक नहीं देखा जा सकता। सचिन, विश्वेंद्र व मीणा की बर्खास्तगी के अलावा एक बड़ी घटना यह भी है कि एन एस यू आई के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यू पूनिया ने भी इस्तीफा दे दिया है। युवाओं की टोली का यह नेता भी कांग्रेस को खोखला करने में कुछ तो असर डालेगा। बता दें कि किसी भी संगठन की मजबूती उसके कार्यकर्त्ताओं से होती है, ऐसे में सचिन के समर्थक अच्छा खासा असर कांग्रेस पर डालेंगे। मोदी युग में पहले ही मरणासन्न स्थिति वाली कांग्रेस से सिंधिया के बाद पायलट का जाना एक बड़ी क्षति है। राजस्थान कांग्रेस की कमान अब मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के जिम्मे आ चुकी है, वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन को हटाए जाने के बाद एक की जगह तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है। ख़बरें आ रही है कि मंत्री मंडल का भी पुनर्गठन किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो जादूगर अब ऐसे विधायकों को भी खुश करने वाले हैं जो अब तक मंत्री नहीं बनें हैं। तो पायलट का अगला स्टेप क्या होगा, इस पर कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा। सचिन का अगला फैसला ही बहुत कुछ तय कर देगा। बीजेपी भी सचिन में काफी दिलचस्पी दिखा रही है, हालांकि राजस्थान की राजनीति में बीजेपी गुट की सबसे बड़ी नेता वसुंधरा राजे अभी भी मौन हैं। इस मौन का राज अभी किसी को समझ नहीं आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि सचिन के साथ कोई नहीं जाएगा। तो बीकानेर में भी सचिन के जाने के बाद कई नेता मौन है। बीकानेर में कई युवा नेता सचिन के नजदीकी मानें जाते हैं, जो अभी मौन धारण कर चुके हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जब तक सचिन का फैसला नहीं आ जाता ये नेता मौन रहेंगे। हालांकि इनका झुकाव हर स्थिति में सचिन की ओर अधिक है। तो वहीं सचिन के वरदहस्त से चमके नेताओं को गहलोत का डर भी सता रहा है।
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