29 October 2025 04:04 PM


ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बड़ी स्कूलें फीस लेने व किताबों, ड्रेस आदि का व्यापार करने में जितनी सजग हैं, उतनी सजग बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर नहीं है। वो कहते हैं ना, नाम बड़े और दर्शन खोटे। हां, बिल्कुल यही सब आजकल बीकानेर के नामी स्कूल सिद्ध कर रहे हैं।

सोफिया स्कूल की लापरवाही का भी बड़ा मामला सामने आया है। बुधवार दोपहर सोफिया स्कूल की 4-5 बच्चियां चलती वैन से गिर गई। घटना पवनपुरी रोड़ स्थित जगदंबा ज्यूस के पास की है। जहां वैन नंबर आरजे 07 यूए 7095 में सवार सोफिया स्कूल की 5 बच्चियां एक के बाद एक सड़क पर गिर गई। वैन ड्राईवर को पता भी नहीं चला। बच्चियां पीछे के दरवाजे से गिरी। मुकेश मेडिकल के मुकेश कुमार ने देखा तो चिल्लाते हुए वैन की ओर दौड़े। आसपास के लोग भी बच्चियों की ओर दौड़े। वैन ड्राईवर बच्चियों को संभालने की बजाय वैन छोड़कर फरार हो गया।
तीन बच्चियों को मुकेश मेडिकल में फर्स्ट एड दिया गया। वहीं 2-3 बच्चियों को बीकानेर नर्सिंग होम ले जाया है। मौके पर गजेंद्र सिंह आदि भी पहुंचे। पुलिस को सूचित किया। सभी बच्चियां पवनपुरी क्षेत्र की थी। पीडब्ल्यूडी में कार्यरत सीएडी क्वार्टर निवासी पुष्पेन्द्र नायक के अनुसार उनकी बेटी 5 वर्षीय लवप्रिया सोफिया में एचकेजी बी की छात्रा है। उसके सिर व कुहनी पर चोट लगी। सभी बच्चियां काफी छोटी है। सभी को चोटें आईं। गनीमत रही कि पीछे से कोई वाहन नहीं आया वरना बच्चियां चपेट में आ सकती थी।
अभिभावक के अनुसार उन्होंने जयप्रकाश तंवर नाम के व्यक्ति को बच्चियों को स्कूल से लाने व ले जाने का ठेका दे रखा है। लेकिन इस हादसे के बाद जयप्रकाश का गड़बड़झाला सामने आया है। अभिभावक का कहना है कि जयप्रकाश ने जिस वैन का नंबर दिया था, हमने स्कूल में वही रजिस्टर्ड करवा रखा है। लेकिन आज पता चला है कि सुबह तो जयप्रकाश खुद रजिस्टर्ड वैन ले जाता है और आते वक्त दूसरी खटारा वैन भेजता है।
स्कूल की भी लापरवाही: सोफिया जैसी बड़ी स्कूलों में बिना इजाजत कुत्ता भी गेट में प्रवेश नहीं कर सकता। फिर वह वैन कैसे स्कूल में घुस जाती है जो रजिस्टर्ड ही नहीं। यह स्कूल की घोर लापरवाही का नतीजा है। वैन रजिस्टर्ड नहीं थी, खटारा थी, इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने सुध नहीं ली। स्कूल परिसर में कुछ भी अवांछित होता है तो इस पर स्कूल की जिम्मेदारी बनती है।
-एक ही वैन में दो स्कूलों के बच्चे: पता चला है कि इस वैन में सोफिया व अर्जुन दोनों स्कूलों के बच्चे थे। ऐसे कैसे दो स्कूलों के बच्चे एक साथ बिठाए गए। यह भी अपने आप में बड़ी लापरवाही है।
उल्लेखनीय है कि स्कूलों के बच्चों के साथ आए दिन ऐसा होता रहता है। अगर सुबह और दोपहर के वक्त सड़कों पर नज़रें दौड़ाएं तो अनेक स्कूल वैन और ऑटो ऐसे मिलेंगे जिन्होंने क्षमता से अधिक बच्चे भर रखे हों। यहां तक कि कुछ नामी स्कूल तो ऐसे हैं जिनकी वैन व बस भारी लापरवाही और तेज गति से सड़कों पर दौड़ती दिख जाएगी।
आख़िर पुलिस व प्रशासन ऐसे स्कूल वाहनों पर सख्ती क्यों नहीं दिखाता।आज के हादसे के बाद भी पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि जेएनवीसी थाने के डीओ धर्मवीर ने कहा कि मौके पर वैन मिली नहीं। जबकि स्थानीय निवासियों के अनुसार पुलिस पहुंची तब वैन मौके पर ही थी। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में किस किस पर क्या एक्शन लेती है।

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