24 February 2021 12:05 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कैंसर की लास्ट स्टेज़ की पीड़ा भोग रहे मरीज़ को भर्ती कर तुरंत इलाज देने की बजाय चक्कर कटवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नत्थूसर माली बास निवासी महेश शर्मा मुंह के कैंसर से पीड़ित है। परिजनों के अनुसार मंगलवार रात जब तबीयत बिगड़ी तो उन्हें पीबीएम कैजुअल्टी ले जाया गया। जहां पांच मिनट रखने के बाद उन्हें कैंसर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन कैंसर अस्पताल ने मरीज़ को भर्ती करने से इंकार कर दिया। रेजीडेण्ट डॉक्टर ने औपचारिकताओं का बहाना बनाकर मरीज़ परिजनों को परेशान किया। कैंसर अस्पताल की तरफ से समाधान नहीं किया गया। गनीमत रही कि पीबीएम अधीक्षक परमेंद्र सिरोही ने मरीज़ परिजन का फोन उठा लिया। परिजन द्वारा उपस्थित स्टाफ से सिरोही की बात करवाई गई, तब जाकर मरीज़ को वार्ड में भर्ती किया गया। मरीज़ परिजन ने ख़बरमंडी न्यूज़ को बताया कि मरीज की हालत गंभीर है, उसे आईसीयू में रखने की आवश्यकता है। इस पर ख़बरमंडी न्यूज़ ने पीबीएम अधीक्षक से बात की तो समाधान हुआ।
परिजननों के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। आठ दिन पूर्व भी इसी मरीज़ को करीब दो घंटे तक इधर उधर चक्कर कटवाए गए। परिजन के अनुसार आठ दिन पूर्व मरीज़ महेश कुमार को कैजुअल्टी लाया गया था। कैजुअल्टी ने कैंसर अस्पताल भेजा, लेकिन कैंसर अस्पताल ने भर्ती करने से इंकार करते हुए रात बारह बजे पेटिएटिक केयर सेंटर भेजा। जबकि यह सेंटर तीन बजे ही बंद हो जाता। उस दिन भी पीबीएम अधीक्षक के हस्तक्षेप से मरीज को इलाज मिला।
बताया जा रहा है कि कैजुअल्टी वाले बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए कैंसर अस्पताल को मरीज़ भेज देते हैं। कैंसर अस्पताल औपचारिकताओं के बहाने मरीज़ को भर्ती कर इलाज नहीं देता। कैंसर अस्पताल का कहना है कि उनके यहां गंभीर मरीज़ हेतु सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
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