09 July 2023 02:40 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर के मुख्य मार्ग और गली-कूचे ही नहीं बल्कि यहां स्थित संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम के मार्ग भी भयंकर रूप से बीमार है। हालात यह है कि इन बीमार सड़कों से गुजरने वाले मरीज और अधिक बीमार हो जाते हैं। किसी की कमर के दाएं हिस्से में दर्द हो तो पीबीएम में घुसने के बाद दर्द बाएं हिस्से में चला जाएगा। ट्रोमा सेंटर वाली यह रोड़ अतिमहत्वपूर्ण है। यहां हल्दीराम हार्ट अस्पताल, ट्रोमा सेंटर, एम आर आई व सिटी स्कैन सेंटर है। तो यहीं से कैंसर अस्पताल व अन्य अस्पतालों की ओर रास्ता जाता है। पीबीएम रोड़ से ट्रोमा सेंटर होते हुए यह रोड़ मेडिकल कॉलेज तक क्रॉस होती है, ऐसे में मरीजों का काफी ज्यादा आवागमन इधर से रहता है।
कैंसर अस्पताल से ट्रोमा आने वाली सड़क बरसों से भारी क्षतिग्रस्त है। यहां वाहन चालकों के गिरने पड़ने की आशंका रहती है। तो वहीं ट्रोमा वाली पूरी रोड़ भारी क्षतिग्रस्त है। कहीं गहरे गड्ढ़े हैं। वहीं सीवरेज चैंबर के ढ़क्कन तो हर जगह सड़क से काफी ऊपर उठे हुए हैं। इन दिनों बरसात का मौसम है। बरसात शुरू होने के बाद से ही यहां लगातार तालाब बना हुआ है। दुपहिया व चौपहिया वाहन चालकों को हर वक्त गड्ढों में जा गिरने का डर बना रहता है। वजह, पानी के तालाब में गढ्ढ़े दिखते ही नहीं। यहां सबसे ज्यादा परेशानी बीमार व दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को होती है। उसके अस्थि पंजर हिल जाते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिम्मेदारों को पीबीएम की इस दुर्दशा की जानकारी लंबे समय से है मगर कोई सरदर्द नहीं लेते। यहां पांच पांच साल तक एक समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तब तक दूसरी समस्या खड़ी हो जाती है। पीबीएम के इस गंभीर मसले पर क्यूं जनप्रतिनिधि चुप रहते हैं और क्यूं जिम्मेदार एक्शन नहीं लेते, यह तो वही जाने मगर जिम्मेदारों की ये खामोशी शहर के प्रति उनके समर्पण की हकीकत बताती है। देखें वीडियो
RELATED ARTICLES
11 September 2025 05:22 PM