23 April 2025 09:45 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मरीज़ की लापरवाही और डॉक्टर में मरीज के प्रति संवेदना का अभाव बड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। हाल ही में पीबीएम में हुए एक ऑपरेशन ने फिर से चौंका दिया है। दरअसल, पीबीएम के सर्जरी विभाग के डॉ मनोहर दवां के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम ने 45 वर्षीय महिला के पित्त की थैली का ऑपरेशन किया। महिला की पित्त की थैली में करीब 950 पथरियां निकली। हालांकि इससे पहले हुए एक ऑपरेशन में 3500 पथरियां भी निकाली जा चुकी है। यह सभी पथरियां मूंग के साइज की है। यह महिला श्रीगंगानगर जिले की है। डॉ मनोहर ने बताया कि महिला को 7-8 साल से पेट में दर्द की शिकायत थी। वह इधर उधर भटकती रही। आखिरकार अब उसको सही इलाज मिल गया है। मरीज़ अब स्वस्थ है।
पेट का दर्द हो तो कराएं क्लिनिकली चेकअप: डॉ मनोहर का कहना है कि एक डॉक्टर पेट पर हाथ लगाकर बता सकता है कि मरीज को पथरी की समस्या है या अपेंडिक्स, हर्निया या कुछ और। मरीज़ सीधे सर्जन के पास आकर भी दिखा सकते हैं, जिससे समस्या पता चल जाएगी। इसके बाद अगर अधिक पुष्टि करनी हो तो ही जांच करवाई जा सकती है।
-मगर सच कुछ और: बता दें कि एक एमबीबीएस भी इतना सक्षम होता है कि वह मरीज के पेट पर हाथ लगाकर समस्या का पता लगा सकता है। विडम्बना यह है कि डॉक्टर मरीज के हाथ लगाता ही नहीं है। पहले जांच होती है फिर दूसरी बात।
दूसरी बात यह भी है कि अधिकतर मरीज पेट की हर समस्या के लिए गेस्ट्रोलॉजिस्ट के पास जा रहा है। जबकि गेस्ट्रो एक समस्या है।
हालांकि एक अच्छा फीजिशियन क्लिनिकल चेक अप कर मरीज को सही रास्ता दिखा सकता है। वह बता सकता है कि उसे सर्जन के पास जाना चाहिए या कहीं और। डॉ मनोहर का कहना है कि पित्त की थैली में अगर पथरी है तो मरीज को भटकना नहीं चाहिए, उसे सर्जन से संपर्क कर लेना चाहिए।
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