19 July 2025 08:30 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) हाल ही में स्वच्छता सर्वेक्षण में बीकानेर का नाम देश के टॉप 100 शहरों में शामिल हुआ। वहीं राजस्थान में तो बीकानेर नंबर ही ले गया। अब इसे लेकर बीकानेर में चर्चा गर्म है। इस सर्वेक्षण में मिली रैंकिंग को लेकर तरह तरह की बातें बन रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे कैसे बीकानेर को रैंकिंग मिल गई जबकि टूटी सड़कें, गड्ढे, सीवरेज चैंबर की दुर्दशा व गंदगी से भरे रास्ते, चौक, चौराहे किसी से छिपे नहीं है।
भले ही सरकार और प्रशासन बीकानेर की हालत को रैंकिंग के पर्दे से छिपाने की कोशिश कर ले लेकिन जनता सब जानती है। बीकानेर सिटी की एक भी सड़क ऐसी नहीं मिलेगी जहां गढ्ढ़े ना हो। बीकानेर की एक भी सड़क ऐसी नहीं मिलेगी, जहां से बिना किसी नुकसान के कोई नागरिक निकल पाए। इन गड्ढों व टूटी फूटी सड़कों की वजह से शहरवासियों की गाड़ियों को काफी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं इन गड्ढों की वजह से मरीजों को भी बहुत परेशानी हो रही है। ख़ासतौर पर जिनके रीढ़ की हड्डी में समस्या हो।
फिर टूटे सीवरेज चैंबर से कौन-सा स्वच्छ जल बाहर आता है। घरों से निकली टॉयलेट की गंदगी सीवरेज चैंबर से जब बाहर निकलती है तो उसी गंदगी से भरे पैर लेकर लोगों को मंदिर भी जाना पड़ता है। हालात हद से ज्यादा बुरे हैं मगर सुनवाई नहीं है।
हालांकि शनिवार शाम कलेक्टर नम्रता वृष्णि बीकानेर शहर में जलभराव वाले क्षेत्रों का जायजा लेने निकली। लेकिन मैडम कलेक्टर आपने जायजा लेने में काफी देर कर दी। जलभराव की समस्या दूर करना तो दूर की बात है, सड़कों के गढ्ढ़े और सीवरेज चैंबर व उसके आसपास की जगह ही दुरुस्त कर दी जाती तो बरसात शुरू होने के बाद शहरवासियों को परेशानियां ना भोगनी पड़ती। लेकिन अब बरसात के बीच में कोई मजबूत समाधान कैसे होगा? सच यह है कि नागरिकों को बीकानेर की सड़कों पर निकलने से डर लगता है। न जाने कितनी बार कार गढ्ढ़े में जाती है। न जाने कितनी बार बाइक गढ्ढ़े में जाती है। बीकानेर के नागरिकों को जो नित नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई प्रशासन नहीं कर पाएगा। मैडम कलेक्टर को एक बार भरी बरसात में आम नागरिक की तरह शहर की गलियों व मुख्य सड़कों पर निकलना चाहिए। शहर की हालत व जनता का दुख, दोनों ही पता चलेंगे। सच तो यह है कि बीकानेर की जनता भोली है वरना ऐसे हालातों पर जनता इतना चुप नहीं रहा करती। एक सर्वे करवाया जाए तो प्रशासन के बारे में जनता की सोच सामने आ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हर सीजन में गड्ढों पर मिट्टी डाली जाती है। अब सवाल यह है कि इस बार क्या किया जाएगा, मिट्टी डाली जाएगी या तकनीकी स्तर पर सबकुछ ठीक किया जाएगा।
अब देखते हैं कब प्रशासन बीकानेर की जनता को गंभीरता से लेता है और कब हमारा बीकानेर जागरूक होता है।
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