02 December 2020 01:49 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। आख़िर कोरोना की वैक्सीन को लेकर अब तक की सबसे सुखद ख़बर आ ही गई। फाइज़र कंपनी द्वारा बनाए टीके को ब्रिटेन ने हरी झंडी दे दी है। ब्रिटिश नियामक संस्था एम एच आर ए के अनुसार फाइज़र/बायोएन्टेक की ये वैक्सीन कोरोना से 95प्रतिशत तक सुरक्षा देती है। यानी पांच प्रतिशत का रिस्क बना रहेगा। संस्था ने कहा है कि इस वैक्सीन की अनुमति देना सुरक्षित है। ब्रिटेन ने इस टीके की चार करोड़ डोज का ऑर्डर पहले ही दे दिया था। इस टीके के दो डोज हर व्यक्ति को दिए जाएंगे, ऐसे में प्राथमिक चरण में ब्रिटेन के दो करोड़ लोग इससे लाभान्वित होंगे। बताया जा रहा है कि जिनको सबसे अधिक खतरा है ऐसे लोगों को टीका पहले लगाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार आमतौर पर ऐसी वैक्सीन तैयार होने में एक दशक तक का समय लग जाता है, लेकिन इस वैक्सीन को मात्र दस माह के अंदर विकसित कर लिया गया है। ऐसे में यह वैक्सीन दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली वैक्सीन बन गई है।
कोरोना वैक्सीन पर दिलचस्प जानकारी यह है कि ये एक नई तरह की एम आर एन ए कोरोना वैक्सीन है। इसमें महामारी के दौरान एकत्र किए कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड के छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी का कहना है कि जेनेटिक कोड के छोटे टुकड़े शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इससे इंसान कोविड के खिलाफ लड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब किसी एम आर एन ए वैक्सीन को इंसानों में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। हालांकि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ऐसी डोज दी जाती रही है।
बता दें कि एम आर एन ए वैक्सीन को इंसान के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। ये इम्यून सिस्टम को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने व टी सेल को एक्टिव कर संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करने के निर्देश देती है। इसके बाद जब व्यक्ति संक्रमित होता है तब उसके शरीर में एंटीबॉडी और टी सेल वायरस से लड़ने का काम शुरू कर देते हैं। बता दें कि संस्था ने वैक्सीन लगने के बाद भी कुछ समय मास्क की अनिवार्यता बताई है।
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