28 December 2024 04:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर की ऐतिहासिक इमारतों, हवेलियों, बावड़ियों व सांस्कृतिक महत्व के स्मारकों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अब कुछ काम हो सकता है। बीकानेर कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए जिला स्तरीय हेरिटेज कमेटी का गठन किया है। समिति का मुख्य कार्य काम हेरिटेज संबंधी गतिविधियों की निगरानी, हेरिटेज वॉक के माध्यम से टूरिज्म को बढ़ावा देना, बीकानेर के पारंपरिक क्राफ्ट, खान पान व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का संवर्धन रहेगा।
समिति की अनुशंसा पर नगर निगम में हेरिटेज सेल का भी गठन किया गया है। इसका काम शहरी परकोटे की ऐतिहासिक इमारतों को सुरक्षित रखने की ओर कदम उठाना होगा। जयपुर हेरिटेज की तर्ज पर बीकानेर को भी हेरिटेज सिटी बनाने की दिशा में यह समिति प्रस्ताव तैयार करेगी।
-आगोर व तलाई का स्वरूप बिगाड़ा, कैसे बचेगी संस्कृति और विरासत:- बीकानेर में बड़ी संख्या में तलाईयां, तालाब, आगोर आदि हुआ करते थे। लेकिन आज इस विरासत का स्वरूप कब्जाधारियों ने बिगाड़ दिया है। कहीं मकान बना लिए गए तो कहीं भवन। कहीं सीधे कब्जे हैं तो कहीं कागज़ी फेरबदल करके विरासत को हथिया लिया गया है।नियमानुसार किसी भी तलाई, आगोर, पायतान आदि का स्वरूप बिगाड़ ही नहीं सकते। लेकिन बीकानेर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हमारी विरासत पर जमकर कब्जे हुए, स्वरूप बिगाड़ा गया।
-क्या तलाई की ज़मीन पर बना है अग्रवाल भवन:- जैन स्कूल घाटी पर स्थित अग्रवाल भवन भी लंबे समय से संदेह के दायरे में हैं। बताया जाता है कि यहां तलाई हुआ करती थी। प्राकृतिक जल भी था। बाद में इसे किसी तरह से कागज़ी फेरबदल कर हथिया लिया गया। कहा जाता है कि अग्रवाल पंचायती ट्रस्ट के पास वास्तव में कोई ज़मीन ही नहीं थी। इस ट्रस्ट का निर्माण ही तलाई की ज़मीन हड़पने के लिए किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इसके दस्तावेजी सबूत भी मौजूद हैं।
तलाई की ज़मीन पर निःशुल्क धर्मशाला बनाने की बात थी। लेकिन अब यह पूरी तरह व्यवसायिक उपयोग में है। यहां शादी ब्याह आदि होते हैं।
-क्या कलेक्टर की कमेटी करेगी गहन जांच:- इस तरह विरासत पर कब्जें प्रशासन से लेकर आमजन तक किसी से छुपे हुए नहीं हैं। इसके बावजूद भी इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता। आख़िर क्यूं इन भूमियों को कब्जा मुक्त नहीं करवाया जाता?
-पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा:- तलाई, आगोर, तालाब आदि से पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। अगर इन भूमियों को कब्जा मुक्त करवाकर पुनः इनका संरक्षण व संवर्धन किया जाए तो बीकानेर की विरासत जिंदा रह सकती है।
-कमेटी में इन्हें किया गया शामिल:- जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के सदस्य सचिव नगर निगम आयुक्त होंगे। वहीं इसमें जिला पुलिस अधीक्षक, नगर विकास न्यास सचिव, अभिलेखागार निदेशक, जिला परिवहन अधिकारी, पीडब्ल्यूडी, विद्युत और नगर निगम के अधीक्षण अभियंता, वरिष्ठ नगर नियोजक, पुरातत्व विभाग के वृत्त अधीक्षक, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक, यातायात पुलिस के उप अधीक्षक पदेन सदस्य होंगे। वहीं होटल व्यवसाय, टूर एंड ट्रैवल एजेंसी, मार्केट एसोसिएशन, इन्टेक के बीकानेर चैप्टर, गाइड एसोसिएशन, स्वयंसेवी संस्थान तथा हवेली संगठन के प्रतिनिधि भी इसके सदस्य होंगे।
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