07 April 2025 12:28 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (क्राइम पत्रकार रोशन बाफना की विशेष रिपोर्ट) बीकानेर में स्पा मसाज की आड़ में वेश्यावृत्ति की ख़बर तो आपको होगी ही, लेकिन क्या आपको मालूम है बीकानेर के कैफे बिना शादी के ही रोमांस की अवैध सुविधा दे रहे हैं। जयनारायण व्यास कॉलोनी, पवनपुरी, सादुलगंज, जयपुर रोड़, 5 नंबर रोड़, रानी बाजार क्षेत्र, मुक्ताप्रसाद सहित बीकानेर के विभिन्न इलाकों में स्थित कैफे अविवाहित जोड़ों को रंगरेलियां मनाने की छूट के साथ साथ केबिन भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
इनमें कई कैफे तो ऐसे भी है जो सीटिंग केबिन के साथ साथ स्लीपिंग केबिन भी उपलब्ध करवा रहे हैं। यहां खुल्लमखुल्ला वह सबकुछ होता है जिसे भारतीय समाज में ग़लत माना जाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि कानून व समाज के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे ये कैफे नाबालिग जोड़ों को भी स्लीपिंग केबिन उपलब्ध करवा रहे हैं। यहां ग्राहक से आईडी तक नहीं ली जा रही। नाबालिग जोड़े भी यहां रंगरेलियां मना रहे हैं।
-स्कूल, इंस्टीट्यूट व कॉलेज स्टूडेंट है ग्राहक: इन कैफे की दुकानदारी केबिन की वजह से ही चल रही है। दरअसल, स्कूल के नाबालिग बच्चों से लेकर इंस्टीट्यूट व कॉलेज के बालिग जोड़ों तक को रंगरेलियां मनाने के लिए जगह की जरूरत होती है। यह सिलसिला प्राइवेट मीटिंग से शुरू होता है। इसी डिमांड का फायदा चालाक कैफे मालिक उठाते हैं और उन्हें केबिन उपलब्ध करवाते हैं। इन केबिन की आड़ में कैफे अच्छी कमाई करता है।
-नाबालिग जोड़ों को भी छूट : यह कैफे पैसे के लालच में इतने अंधे हो चुके हैं कि ग्राहक से आईडी तक नहीं लेते। इसी वजह से 14 से 17-18 साल तक के बालक बालिकाएं भी खराब हो रहे हैं। जबकि नाबालिग को इस तरह की गतिविधियों में किसी प्रकार से सहयोग करना भी अपराध है।
-माता पिता व्यस्त, बच्चे रोमांस में मस्त: धर्मनगरी छोटी काशी बीकानेर में इस तरह की गंदगी फैलने का एक कारण माता पिता की व्यवस्तता भी है। व्यापार, घर के काम व मोबाइल की वजह से माता पिता को बच्चों की सुध लेने का समय ही नहीं है। बच्चे बेधड़क कैफे में जाते हैं और रंगरेलियां मनाते हैं। इन कैफे का औचक निरीक्षण किया जाए तो वहां के सीटिंग व स्लीपिंग केबिन में अविवाहित जोड़े मिल जाएंगे।
-ये चलन कर रहा समाज को नष्ट: स्पा व केबिन वाले कैफे का चलन जैसे जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे समाज में आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है। चोरी, लूट, सट्टा, आत्महत्या, लड़की भगाने जैसी आपराधिक घटनाएं कहीं ना कहीं इन स्पा व कैफे का परिणाम भी है। यहां से युवा पीढ़ी को बिगड़ने का माहौल मिल रहा है।
-पुलिस क्यूं बनी है मूकदर्शक: कैफे की आड़ में चल रहे सीटिंग व स्लीपिंग केबिन की जानकारी पुलिस थानों को भी है। इसके बावजूद वहां अवैध गतिविधियां सुचारू है। हालांकि पुलिस ऐसी अवैध गतिविधियां होने की बात पर अक्सर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए पल्ला झाड़ लेती है।
सवाल यह है कि कैफे में हो रही इन अवैध गतिविधियों की जानकारी आम आदमी को है, फिर पुलिस को कैसे इसकी जानकारी नहीं है। अगर सच में पुलिस को इन अवैध गतिविधियों की जानकारी नहीं है तो यह पुलिस की सूचना तंत्र की बड़ी असफलता है। थानों के बीट कांस्टेबलों के पास फिर क्या काम रह जाता है ?
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