19 August 2020 07:31 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नापासर पुलिस व किसानों के बीच चल रहे विवाद में एकबारगी विराम लग गया है। धरने व गिरफ्तारियों के तीसरे दिवस आख़िर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ किसान प्रतिनिधियों की वार्ता हुई। पुलिस ने किसानों की मांग मानते हुए थानाधिकारी संदीप पूनिया व महिला हैडकानि उम्मेद को जांच पूरी होने तक एसपी ऑफिस लगा दिया है। पूनिया की वापसी तक कार्यवाहक थानाधिकारी चार्ज संभालेंगे। वहीं किसान अगर परिवाद देंगे तो थानाधिकारी संदीप पूनिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वहीं गिरफ्तार सरपंच सहित 6 किसानों को मंगलवार को कोर्ट ने जेसी आदेश कर दिया था, वे अभी बीछवाल जेल में हैं। अब उनकी जमानत करवाने का रास्ता खुला रहेगा। वहीं उन पर जो मुक़दमे हैं वे भी जांच प्रक्रिया में रहेंगे।
बता दें कि यह सारा हंगामा भारतमाला सड़क परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहीत की गई भूमि के मुआवजे से जुड़ा है। सरकार ने नियमानुसार डीएलसी रेट का तीन गुना मुआवजा तय किया, लेकिन किसान बाजार मूल्य का चार गुना मांग रहे हैं। इस मामले में पुलिस के पास कोई अधिकार ही नहीं है। पुलिस के अनुसार इससे जुड़े करीब पचास से अधिक परिवाद थाने में भेजे गए थे, जो एसपी तक पहुंचाए गए। एसपी ने मामला कलेक्टर से जुड़ा होने के कारण उन्हें अग्रेषित कर दिया। इन्हीं परिवादों के बारे में आए दिन कुछ किसान थाने पहुंच रहे थे। पुलिस के अनुसार घटना के दिन थानाधिकारी ने कहा कि मुआवजा दिलाना उनके हाथ में नहीं है। यहां पर पुलिस व किसान प्रतिनिधियों में बहसबाजी शुरू हुई। पुलिस का आरोप है कि इन किसानों ने गाली गलौच व धक्का-मुक्की कर थानेदार की वर्दी फाड़ दी। इसीलिए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अंदर कर दिया गया। वहीं किसानों का कहना है कि थानेदार ने वर्दी अपने आप फाड़ ली और झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया।
मामले में किसका कितना कसूर रहा, यह जांच का विषय है। एएसपी पवन मीणा ने बताया कि किसानों की मांगे मानते हुए परिवाद देने पर मुकदमे का आश्वासन व जांच होने तक थानेदार व एक अन्य को एसपी ऑफिस लगा दिया गया है। वहीं जांच अधिकारी किसानों की मांग के अनुरूप नियुक्त किया जाएगा।
बता दें कि तीन दिन चले इस धरने में विधायक गिरधर महिया सहित महिपाल सारस्वत, विजयपाल बेनीवाल आदि कई नेता एक्टिव रहे।
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