10 September 2021 07:13 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कांग्रेसी पार्षद के पति मघाराम भाटी की मौत के मामले में चल रहा विवाद आखिरकार नौकरी, मुआवजे व राजीनामे की बात के साथ खत्म हो गया है। शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने सर्किट हाउस में कंपनी, कांग्रेसी पार्षदों व मृतक परिजनों के साथ वार्ता की। बैठक में मृतक मघाराम के पुत्र को नौकरी व नौ लाख रूपए मुआवजा देना तय हुआ। वहीं सीओओ शांतनु भट्टाचार्य व पार्षदों के बीच हुए मुकदमें वापिस लेने पर सहमति बन गई है। हालांकि भट्टाचार्य का मुंह काला करने के अलोकतांत्रिक कदम पर खेद प्रकट ना करना भी कहीं ना कहीं खल रहा है।
बता दें कि कांग्रेसी पार्षद के पति की मौत के इस मामले में कांग्रेसी व बीजेपी पार्षद एक हो गए थे। शुरुआती आंदोलनों के बाद कंपनी ने सरकारी जांच एजेंसी से मामले की जांच कराई। एजेंसी ने कंपनी को दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद पार्षद मनोज विश्नोई ने फिर आंदोलन खड़ा कर दिया। इसी आंदोलन में पार्षदों ने भट्टाचार्य का मुंह काला कर दिया। रात को पार्षदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। अगले दिन बिजली विभाग के कार्यालय का फिर से घेराव किया गया।
8 सितंबर को एडीएम बलदेव राम धोजक, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, शांतनू भट्टाचार्य व मृतक के परिजनों के बीच वार्ता हुई। महापौर को पार्षदों की तरफ से नेतृत्व दिया गया था। वार्ता में पार्षद के पुत्र को 15 हजार प्रति माह तनख्वाह की नौकरी देना तय हुआ। मगर भट्टाचार्य ने अपने पास पांच लाख का मुआवजा देने का अधिकार होने की बात कहते हुए दो दिन का समय मांगा। कंपनी द्वारा प्रशासन के तय समयावधि के बाद प्रशासन को जवाब देना था। इससे पहले मंत्री कल्ला ने मुआवजे सहित पार्षदों के मुकदमों को लेकर बैठक बुला ली। इसी बैठक में लंबे समय से चला आ रहा विवाद थम गया। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से चला आ रहा यह आंदोलन 25 लाख रूपए के बड़े मुआवजे की वजह से लंबित हो रहा था।
RELATED ARTICLES
11 September 2025 05:22 PM