27 May 2022 03:21 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर नगरीय क्षेत्र के कार्य करवाने की बजाय नगर निगम बीकानेर आपसी झगड़ों में ही उलझा नजर आ रहा है। पिछले कई दिनों से निगम आयुक्त व महापौर के बीच चल रही तनातनी के बाद मामला भ्रष्टाचार उजागर करने तक पहुंच गया।
महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित की तरफ से लगातार आयुक्त गोपाल राम बिरदा पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आरोप है कि आयुक्त द्वारा महापौर को पूर्व सूचना दिए बगैर ही असंवैधानिक तरीके से कार्य किया जा रहा है। इससे महापौर के अधिकारों का भी हनन हो रहा है।
वहीं दूसरी ओर आयुक्त ने आज आम सभा आहूत कर दी। महापौर की सहमति के बगैर आहूत की गई इस आमसभा में आयुक्त को दो-तरफा विरोध झेलना पड़ा। महापौर सहित बीजेपी पार्षद पहले ही विरोध कर रहे थे, वे आम सभा में नहीं पहुंचे। दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद भी आयुक्त के विरोध में खड़े हो गए। विरोध का कारण सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज को बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आयुक्त ने मैसेज में कहा कि जो पार्षद आम सभा में नहीं पहुंचेंगे, उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
इसी बात को लेकर कांग्रेसी पार्षद भी आयुक्त के विरुद्ध लामबंद हो गए। कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि अफसरशाही जनप्रतिनिधियों पर हावी होना चाहती है, जो वे कतई नहीं होने देंगे। महापौर का विरोध है मगर साथ में आयुक्त के व्यवहार का भी विरोध है। जनप्रतिनिधि किसी भी पार्टी से जुड़ा हो, किसी अफसर द्वारा उस पर रौब झाड़ना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महापौर व बीजेपी पार्षदों की तरह कांग्रेसी पार्षदों का भी आरोप है कि आयुक्त मनमानी कर रहे हैं। अधिकारों के बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं।
बता दें कि आमसभा में पहुंचे अधिकतर कांग्रेसी पार्षद सभा में नहीं बैठे। इस दौरान आयुक्त ने कैमरे में आए सभी पार्षदों को उपस्थित मानने की बात कही, जिसका भी विरोध हुआ। ख़बर लिखने तक महापौर भी प्रेसवार्ता करने वाली थी। अब देखना यह है कि ये झगड़ा कहां तक आमजन को नुक़सान पहुंचाता है।
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