24 May 2022 11:13 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। अगर आपको अकेले में भी अलग अलग आवाजें सुनाई देती हैं, ऐसा लगता है कि आपके आसपास कोई है तो ये मत समझिए कि कोई भूत-प्रेत का मामला है, जादू टोना भी मत समझिए। ऐसा आभास एक बीमारी की वजह से होता है, जिसे सिजोफ्रेनिया कहते हैं। यह बात जाने माने मनोचिकित्सक व भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डॉ सिद्धार्थ असवाल ने आज सिजोफ्रेनिया दिवस पर आयोजित एक संगोष्ठी में कही।
मंगलवार को सिजोफ्रेनिया दिवस पर बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के बैनर तले वरदान हॉस्पिटल के प्रांगण में यह संगोष्ठी आयोजित हुई। इस दौरान डॉ सिद्धार्थ ने सिजोफ्रेनिया नाम की इस बीमारी के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सिजोफ्रेनिया भावनात्मक नहीं बल्कि मानसिक बीमारी है। यह मस्तिष्क को असंतुलित बनाने वाली गंभीर बीमारी है। इससे ग्रसित मरीज़ की सोच, भावना व व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ऐसे रोगी ऐसी आवाजें सुनने या ऐसी वस्तु देखने लगते हैं जो वास्तव में होती ही नहीं। ऐसा लगता है मानो कोई अन्य व्यक्ति उनके दिमाग पर नियंत्रण कर रहा हो। यह रोगी अपनी सोच से वास्तविकता को अलग करने में असफल रहते हैं।
इस बीमारी का मुख्य कारण रासायनिक क्रियाओं तथा न्यूरोट्रांसमीटर में उथल पुथल होना है। इसके साथ ही जीवन के उतार चढ़ाव, तनाव, अनुवांशिकता, कुपोषण व वायरल संक्रमण भी इसके कारण हैं। सिजोफ्रेनिया का रोगी अपने आप से बातें करता है। चुपचाप एकांत में बैठा रहता है। अपने आप हंसना और रोना, दूसरों पे शक करना, बाहर से कचरा एकत्रित कर अपनी जेब में डालना सहित बिना फोन बातें और फोन करना व बैठे बैठे हंसने लगी जाना इस बीमारी के लक्षण हैं।
सिजोफ्रेनिया से ग्रसित व्यक्ति को किसी वस्तु या व्यक्ति के होने का आभास होता है। वह उल्टी उल्टी बातें करने लग जाता है। असामान्य शारीरिक गतिविधियां करता है।
डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि ऐसे रोगियों से अमानवीय व्यवहार जैसे मारना, पीटना, जंजीरों में जकड़ना गलत है। ऐसे व्यक्ति को तुरंत मनोचिकित्सक को दिखाकर इलाज शुरू करवाना चाहिए। यह कोई जादू टोना या देवताओं का अभिशाप नहीं है।
इस दौरान काउंसलिंग एक्सपर्ट डॉ खुश्बू सुथार ने अपनी बात रखी। डॉ खुश्बू ने बताया कि मानसिक रोगियों के लिए काउंसलिंग बेहद आवश्यक है। सिजोफ्रेनिया से मुक्ति पाने में भी काउंसलिंग अहम है।
संगोष्ठी में डॉ सिद्धार्थ असवाल, डॉ खुश्बू सुथार, चांद राठौड़, प्रिया राजवी, डॉ नरेन्द्र स्वामी, इमरान उस्ता, नीतू आचार्य, माया सोनी, निशा पांडे, अरविंद सिंह राठौड़, रीना पंवार, शीशराम खिलेरी, विकास विश्नोई, सुग्रीव विश्नोई, रोहित भारती गोस्वामी, राजेंद्र गुप्ता, शैलेन्द्र गुप्ता, विक्रम पुरोहित, भारती अरोड़ा, पंकज, भगवती स्वामी, आर्यन प्रताप सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
RELATED ARTICLES