17 January 2022 12:29 AM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर थाने में एसीबी की कार्रवाई से जुड़े कई पहलू एफआईआर होने के बाद सामने आए हैं। मामले में जयपुर एसीबी के कांस्टेबल इंद्र सिंह ने सीआई राणीदान के खिलाफ धारा 382 व 353 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है। परिवादी ने आरोप लगाया है कि राणीदान ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाई। वे एसीबी के परिवादी से डिजिटल वॉइस रिकॉर्डर, मोबाइल फोन, पॉवर बैंक रिकॉर्डर तथा तीन छोटे सीपीयू लेकर भाग गए। इनमें से डिजिटल वॉइस रिकॉर्डर सरकारी रिकॉर्ड बताया गया है।
दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली निवासी सुरेंद्र धारीवाल ने 14 जनवरी को एसीबी के समक्ष एक लिखित रिपोर्ट पेश की थी। उसने कहा था कि 8 नवंबर को एएसआई जगदीश व चार सिपाही उसकी दुकान पृथ्वीराज एंटरप्राइजेज आए थे। उन्होंने दुकान से दो लैपटॉप, तीन छोटे सीपीयू, एक डीवीआर, दो मोबाइल व एक लाख दो हजार रूपए ले लिए। वहीं मुझे(सुरेंद्र) को रीट नकल प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया। सुरेंद्र के अनुसार जमानत मिलने के बाद वह जब सीआई व एएसआई से सामान के लिए मिला तो उन्होंने सामान लौटाने व मुकदमे में ना फंसाने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की।
एसीबी कांस्टेबल इंद्र सिंह के अनुसार वह सुरेंद्र व हवा सिंह के साथ 14 को बीकानेर पहुंचा। 15 जनवरी को एएसआई जगदीश से सत्यापन की कार्रवाई पूर्ण की। वहीं तीनों 16 जनवरी को राणीदान के मांग सत्यापन की कार्रवाई के लिए थाने पहुंचे। परिवादी सुरेंद्र ने डिजिटल वॉइस रिकॉर्डर चालू कर लिया। राणीदान से उनके कक्ष में वार्ता की। वहीं वह तथा हवा सिंह बाहर ही थे। जब वह सारा सामान लेकर थानाधिकारी के कक्ष से बाहर निकला तो कॉन्स्टेबल को संदेह हो गया। उसने तलाशी ली तो मास्क के अंदर छिपा वॉइस रिकॉर्डर मिल गया। राणीदान ने सुरेंद्र से वॉइस रिकॉर्डर सहित सभी उपकरण लिए तथा वहां से भाग गए। पुलिस ने राणीदान के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच सीओ सदर आरपीएस पवन भदौरिया को दी है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला रीट नकल प्रकरण से जुड़ा है। रीट परीक्षा 2021 की पूर्व रात्रि राणीदान चारण ने डीएसटी के सहयोग से नकल गिरोह के मंसूबे नाकाम कर दिए थे। इस मामले में बड़ी संख्या में बदमाशों की गिरफ्तारी हुई। मुख्य आरोपी कालेर को भी गिरफ्तार किया गया। इन्हीं बदमाशों में दिल्ली निवासी सुरेंद्र धारीवाल भी शामिल था। पुलिस के अनुसार सुरेंद्र धारीवाल ने नकल करवाने में इस्तेमाल की जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी चप्पलें तैयार की थी। प्रदेश के इस बड़े नकल गिरोह का हिस्सा रहने वाले सुरेंद्र धारीवाल ने ही जमानत मिलने के बाद एसीबी में शिकायत की थी। अब पूरा मामला क्या है तथा किसकी कितनी और क्या भूमिका है, यह जांच का विषय है।
बता दें कि पूरे प्रकरण के बाद एसपी योगेश यादव ने सीआई राणीदान, एएसआई जगदीश व कांस्टेबल राजाराम को लाइन हाजिर कर दिया था। एसपी के अनुसार राणीदान व राजाराम गायब हैं। वहीं गंगाशहर थाने में राणीदान के खिलाफ मुकदमा भी हो चुका है।
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