08 September 2021 08:16 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कांग्रेसी पार्षद के पति मघाराम भाटी की मौत मामले में घिरी बिजली कंपनी की मुश्किलें घट सकती है। महापौर सुशीला कंवर, प्रशासन व बिजली कंपनी के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता ने इस तूफान के थमने की आस जगाई है। हालांकि तूफान थमेगा या और विकराल होगा, ये बिजली कंपनी का निर्णय ही तय करेगा।
दरअसल, दो दिनों से पार्षदों द्वारा किए जा रहे विरोध, शांतनु भट्टाचार्य का मुंह काला करने व पार्षदों पर मुकदमे के बाद आज शाम 6 बजे महापौर के नेतृत्व में वार्ता तय हुई थी। जिसमें अस्सी पार्षदों की तरफ से महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, प्रशासन की तरफ से एडीएम बलदेव राम धोजक, बिजली कंपनी की तरफ से सीओओ शांतनु भट्टाचार्य, मृतक मघाराम के पिता आदूराम व उनके तीन परिजनों सहित विक्रम सिंह राजपुरोहित, त्रिलोकी कल्ला तथा कंपनी के अधिकारी बैठे। बता दें कि पीड़ित पार्षद परिवार को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टर नमित मेहता ने ही यह बैठक तय की थी।
वार्ता में महापौर ने मघाराम के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा तथा उनके पुत्र को कंपनी में 15 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी की मांग रखी। कंपनी ने नौकरी की मांग स्वीकार कर ली। वहीं मुआवजे पर पांच लाख की सहमति दी। महापौर 20 लाख रूपए मुआवजे पर अड़ी रहीं। इस पर भट्टाचार्य ने कहा कि उनके पास अधिकतम पांच लाख मुआवजा देने के ही अधिकार हैं। अंतिम रूप से कंपनी ने दो दिन का समय मांगा। अब कंपनी अपने आलाकमान से बात कर दो दिन में प्रशासन को लिखित जवाब देगी।
महापौर ने कहा कि 20 लाख रूपए मुआवजा स्वीकृत ना होने की स्थिति में सभी बीजेपी, कांग्रेस व निर्दलीय पार्षदों द्वारा आंदोलन किया जाएगा।


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