12 June 2020 08:55 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। प्रवासी श्रमिकों की कमी से व्यापार ठप हो गये हैं। लॉक-डाउन के बाद अधिकतर प्रवासी श्रमिक अपने प्रदेशों को लौट चुके हैं। ऐसे में अब बीकानेर में करीब 10-20 प्रतिशत श्रमिक ही बचे हैं। श्रमिकों की कमी से समस्त उत्पादन इकाइयों से लेकर खनन तक सभी व्यापार संकट में है। बीकानेर में फूड इंडस्ट्रीज के अलावा जिप्सम का बड़ा काम होता था, लेकिन श्रमिकों के अभाव में इनको सुचारू करना चुनौती बन चुका है। सूत्रों के मुताबिक लॉक डाउन में जिप्सम खनन अधिकतर बंद रहा, तो अब श्रमिकों की कमी से खनन 10-20 प्रतिशत ही रहा है। हालांकि अभी भी अवैध खनन जारी है। वहीं पीओपी फैक्ट्री का भी हाल कुछ ऐसा ही बताया जा रहा है। यही हाल पूरे राजस्थान का बताया जा रहा है। अनुमान है कि अपने प्रदेशों को लौट चुके श्रमिक तीन-चार माह तो यहां नहीं आएंगे। वहीं उसके बाद की स्थिति भी साफ नहीं है। ऐसे में श्रमिकों के भरोसे चलने वाली इकाइयां इस वर्ष बुरे हालातों में आ सकती है। उल्लेखनीय है कि बीकानेर में बिहार से आए श्रमिकों की बड़ी तादाद काम करती है, इसके अलावा बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के श्रमिक भी यहां काम करते हैं।
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