18 November 2021 04:42 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बिजली कंपनी द्वारा मीटर बदलने की प्रक्रिया का अक्सर विरोध देखा जाता है। लेकिन बीकानेर की स्थाई लोक अदालत के एक फैसले ने बिजली कंपनी द्वारा मीटर बदलने की प्रक्रिया को सही ठहराया है। स्थाई लोक अदालत बीकानेर ने एक आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया है कि बिजली के मीटर बिजली कम्पनियों की सम्पत्ति है और समय-समय पर राज्य व केंन्द्र सरकार के आदेशों पर उपभोक्ताओं के मीटर निःशुल्क बदले जाते हैं जो नियमित प्रणाली है।
स्थाई लोक अदालत बीकानेर के अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा व सदस्य रामकिशन शर्मा ने बिजली का मीटर बदलने पर आपत्ति करते हुए पेश किए गए एक परिवाद को खारिज करते हुए बिजली कम्पनी के पक्ष में फैसला सुनाया। स्थाई लोक अदालत ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (मीटरों का अधिष्ठापन एवं प्रचालन) विनियम 2006 के तहत मीटर बदला गया है। चूंकि मीटर बिजली कम्पनी की सम्पत्ति है ऐसे में उसे मीटर बदलने का अधिकार है।
मुरलीधर व्यास कॉलोनी निवासी सरोज देवी ने उनके मकान का मीटर बदलने पर आपत्ति करते हुए स्थाई लोक अदालत में परिवाद पेश किया था। सरोज देवी का कहना था कि उनको सूचना दिए बिना ही अच्छी हालत में चल रहे मीटर को बदल दिया गया। उन्होंने पुराना मीटर पुनः लगाने की मांग की। बिजली कम्पनी का कहना था कि प्रार्थिया के मकान के बाहर लगे विद्युत मीटर में सितम्बर 2016 से निरन्तर शून्य उपभोग के आधार पर बिल जारी हो रहा है और मीटर पुरानी तकनीक स्टेटिक का है, जिसे केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विनियमों के तहत बदला गया है। चूंकि मीटर कम्पनी की सम्पत्ति है ऐसे में प्राथिया को आपत्ति करने का अधिकार नहीं है।
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