01 July 2021 10:42 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीछवाल जेल द्वारा लापरवाही की इंतेहा करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ऐसी लापरवाही का संभवतया यह जिले का ही नहीं बल्कि प्रदेश का पहला मामला है। दरअसल, श्रीगंगानगर निवासी शिवलाल उर्फ शिवला उर्फ शिवा पुत्र किशनाराम नायक ने बहुत सालों पहले किसी की हत्या कर दी थी। कोर्ट में उसका दोष साबित हुआ, उसे आजीवन कारावास की सजा मिली। वह बीछवाल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 5 फरवरी 2018 को शिवा एक माह की पैरोल पर रिहा हुआ था। उसे 6 मार्च की शाम 5 बजे तक पुनः जेल में आकर बंद होना था। मगर वह नहीं आया। चौंकाने वाली बात यह है कि उसे फरार हुए सवा तीन साल हो गए, मगर जेल प्रशासन अभी तक नींद में ही था। जेल को पता ही नहीं था कि उसका एक कैदी सवा तीन साल से फरार है। बताया जा रहा है कि अब जब कोर्ट ने पैरोल पर रिहा कैदियों की सूचना मांगी तो शिवा का रिकॉर्ड ही नहीं मिला।
बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने बीछवाल थाने के तत्कालीन थानाधिकारी को मुकदमा दर्ज करने हेतु परिवाद दे दिया था। मगर थाने के आम रजिस्टर से लेकर रोजनामचे में कहीं भी उक्त फरारी का जिक्र नहीं है। इस तरह का कोई भी परिवाद नहीं मिला है।
एक हत्या के आरोपी के फरार हो जाने के गंभीर मामले में इस तरह की चूक सवाल खड़े कर रही है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि वास्तव में जेल की तरफ से परिवाद ही नहीं दिया गया था या थाने की तरफ से कोई लापरवाही हुई।
फिलहाल मनोज शर्मा ने फरार कैदी शिवलाल व जमानत देकर पैरोल पर रिहा करवाने वाले पलाना निवासी मोहनलाल पुत्र पुरवा राम मेघवाल व केलनिया रावतसर, हनुमानगढ़ निवासी चेनाराम पुत्र रावताराम के खिलाफ 58(ख)(2) राजस्थान कारागृह अधिनियम 2015 व 120 बी भादंसं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सवा साल से कोरोना ने भयंकर तबाही मचाई। इस वायरस की चपेट में आकर हजारों लोगों की मौत हो गई। ऐसे में अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि आरोपी शिवला जिंदा भी है या नहीं। पुलिस अब शिवला सहित उसके दोनों जमानतियों की तलाश करेगी। जमानतियों के खिलाफ भी चालान होगा। उन्हें अधिकतम तीन साल की सजा होगी। वहीं शिवला अगर मिला तो उसे भी तीन साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ सकता है।
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