26 May 2021 11:56 AM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोविड वैक्सीनेशन को लेकर लगातार असमंजस की स्थितियां पैदा हो रही है। सही प्रचार व जानकारी के अभाव में वैक्सीन मैनेजमेंट भी प्रभावित हो रहा है। गाइडलाइन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव आने के तीन माह बाद ही वैक्सीन लगवानी है। मगर इस तथ्य से बेखबर आमजन पॉजिटिव से नेगेटिव होते ही वैक्सीन लगवा रहा है। ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में है जो पॉजिटिव तो आए मगर जांच के अभाव में वे स्वयं को पॉजिटिव ही नहीं मानते। स्वास्थ्य विभाग बिना जांच करवाए ही लक्षणों के आधार पर किट वितरित कर देता है। ऐसे में अधिकतर लोग तो मानते ही नहीं कि उन्हें कोरोना हुआ। नतीजतन, प्रोटोकॉल के विपरीत पॉजिटिव आने के कुछ दिन बाद ही वैक्सीनेशन करवा लिया जाता है।
हमने सीएमएचओ डॉ राजेश गुप्ता से इस बारे में सवाल किए। गुप्ता ने तीन माह के नियम की पुष्टि की। गुप्ता का कहना है कि गाइडलाइन के अनुसार पॉजिटिव हो चुका व्यक्ति तीन माह तक वैक्सीनेशन नहीं करवा सकता। लेकिन करवा ले तो उसका कोई नुकसान नहीं होता। गुप्ता के अनुसार पॉजिटिव से नेगेटिव हुए व्यक्ति में एंटी बॉडी डेवलप हो जाती है। ऐसे में उसे वैक्सीन की जरूरत नहीं होती। इसीलिए तीन माह तक वैक्सीनेशन ना करवाने का नियम है। फिर भी किसी ने वैक्सीन लगवा ली तो उस पर कोई भी नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
बता दें कि इन दिनों वैक्सीन की आपूर्ति बंपर नहीं है। ऐसे में वैक्सीनेशन बहुत कम हो पाता है। वैक्सीन की किल्लत को मैनेज करने में तीन माह के नियम का फायदा लिया जा सकता है। अगर पॉजिटिव से नेगेटिव हुए व्यक्ति का वैक्सीनेशन एक बार स्थगित कर दिया जाए, तो वैक्सीन की उपयोगिता बढ़ाई जा सकती है। जो लोग पॉजिटिव नहीं हुए हैं उन्हें वैक्सीन पहले लगाई जानी चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए तीन माह की गाइडलाइन कारगर साबित हो सकती है। हालांकि विभाग के पास इस गाइडलाइन की पालना को लेकर कोई विचार ही नहीं है। बीकानेर जिले में अब तक कहीं भी इस गाइडलाइन की पालना नहीं हुई। हालांकि अजमेर सहित कई अन्य जिलों में इसे लेकर जागरुकता जरूर फैलाई जा रही है।
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