29 June 2024 02:55 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। शनिवार अपराह्न हुई पहली ही बारिश ने बीकानेर की लोकल सरकार यानी नगर निगम की पोल खोल कर रख दी। हालात यह हुए कि इंसान से लेकर मोटरसाइकिलें, कारें, टैक्सियां जलमग्न सड़कों पर बहने लगी। यहां तक कि बड़े बड़े पाइप भी बहते हुए देखे गये। बाबू जी प्लाजा के सामने तो हालात बेहद डरावने हुए। यहां की सड़क पहली ही बारिश में बहती नदी तब्दील हो गई। दो युवक इस नदी में बह गए। टैक्सी, कार व मोटरसाइकिल भी जलप्रवाह में बहती दिखी। लोगों ने कहा, कहां है नगर निगम, कहां हैं बीकानेर की प्रथम नागरिक महापौर और कहां है वें पार्षद जिन्होंने मिलकर बीकानेर की प्रथम नागरिक के रूप में सुशीला कंवर को चुना था।
स्थानीय दुकानदारों व यहां आने वाले ग्राहकों सहित गुजरने वाले लोगों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ख़बर में लगे दो वीडियो बीकानेर के इस दर्द को और अधिक स्पष्टता से बयां करेंगे। बताया जा रहा है कि बारिश रुकने के बाद भी पानी कम होने में करीब 45 मिनट लग गए।
इस वजह से हालात होते हैं खतरनाक: दरअसल, तेज बारिश में सड़कों पर जल की नदी बहना आम बात है। बड़े बड़े शहरों में भी ऐसा होता है, लेकिन वहां दुर्घटना की आशंकाएं न्यून रहती है। समस्या पानी नहीं है बल्कि नियमित सफाई के अभाव में डटे हुए नाले, टूटी फूटी सड़कें, सीवरेज के गड्ढे, सड़क से ऊपर उठे ढक्कन, ढक्कन के आसपास दबी हुई सड़कें बड़ी समस्या है। इन सब कारणों से बीकानेर शहर की सड़कों पर वाहन लेकर निकलना काल को आमंत्रण देने के बराबर बन जाता है। बता दें कि पिछले कई सालों में बीकानेर में सफाई व्यवस्था फेल साबित हुई है। सीवरेज के गड्ढों ने लोगों का सड़कों पर चलना दुश्वार कर रखा है। नालों की सफाई व्यवस्था नियमित नहीं है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सफाईकर्मी नालों से गंदगी निकालकर नालों के पास ही डाल देते हैं। इस गंदगी को 24 घंटे तक तो उठाया ही नहीं जाता। कई कई बार तो गंदगी सूखकर सड़क की मिट्टी व कचरे में ही मिल जाया करती है। ऐसे में सवाल तो बनते हैं। आख़िर कब तक जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियां निभाने से भागेंगे। आख़िर कब तक शिकायतें मानने से भागेंगे। देखें वीडियो
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