12 March 2022 05:00 PM

	
				 
				      	 
			     
	
				 
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(रोशन बाफना की रिपोर्ट) नयाशहर थाना क्षेत्र खतरनाक नशे का गढ़ बनता जा रहा है। नशा बेचने वालों को रोकने में सिस्टम की नाकामी का खामियाजा शहरी क्षेत्र के परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। ये परिवार बेबस होकर युवा पीढ़ी को नशे से खोखला होते देख रहे हैं। भांग की मस्ती में मस्त रहने वाले शहर को अब चरस, गांजा व डोडा सहित कोरेक्स जैसे खतरनाक नशे की नजर लग चुकी है। तो परकोटे से बाहरी क्षेत्र के युवाओं के लिए भी नयाशहर थाना क्षेत्र नशे के जुगाड़ का बड़ा ठिकाना बन चुका है।
सूत्रों की मानें तो जस्सूसर गेट, भाटों का बास, विश्नोई बास, करमीसर गांव, भैरूं कुटिया क्षेत्र, नाथ जी का धोरा व आचार्य चौक सहित कई पॉइंट्स है जहां अलग अलग तरह का नशा मिल रहा है। हालांकि परकोटे के अंदर इस तरह के खतरनाक नशीले पदार्थों का कारोबार मुश्किल है। मगर बाहरी क्षेत्र में बिक रहे नशे से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले युवा परकोटे के अंदर के ही हैं। सूत्रों के मुताबिक जस्सूसर गेट के 1-2 ठिकानों पर गांजे वाली ज्वाइंट सिगरेट व डोडा की पुड़िया धड़ल्ले से बेची जा रही है। भाटों व विश्नोई बास के कई घरों में डोडा, अफीम व ज्वाइंट सिगरेट मिल रही है। यहां घूम घूम कर नशे की पुड़िया बेचने वाले भी मिल जाएंगे। भैरूं कुटिया के पास रात 10-11 बजे बाद ये बाजार गर्म होता है। करमीसर गांव में प्रवेश करते ही नशे का अड्डा मिल जाएगा। इसी तरह रात पड़ने के बाद नाथजी का धोरा नशे का सबसे बड़ा अड्डा बन जाता है। इस अड्डे पर परकोटे के भीतरी शहर के युवाओं सहित बाहरी शहर व आसपास के इलाकों के युवा बर्बाद होने पहुंचते हैं। नयाशहर क्षेत्र में हुई कई बड़ी वारदातों का भी इस धोरे की जमघट से नाता रहा है। यही नशा इन हिंसक कृत्यों का मूल रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आजकल कोरेक्स का नशा भी फिर से जोर पकड़ रहा है। आचार्य चौक क्षेत्र में तो 3-4 सप्लायरों द्वारा कोरेक्स बनाने की बात भी सामने आ रही है। ये लोग घर पे ही कोरेक्स बनाते हैं और घूम घूम कर बेचते हैं। हालांकि कोरेक्स मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध होने की वजह से नशेड़ियों के लिए सुलभ भी होती है।
शहरी युवाओं को बर्बाद कर रहे नशे के पीछे पुलिस की शिथिल इच्छाशक्ति भी बड़ा कारण है। स्थानीय युवाओं का मानना है कि पुलिस को भी इन ठिकानों की जानकारी है। आम व्यक्ति डर की वजह से चुप है। वह सोचता है पुलिस कुछ करेगी, मगर पुलिस को जाने क्या हो गया है जो इस गंभीर मुद्दे पर जरूरत के मुताबिक एक्शन ही नहीं लेती। परिणाम यह है कि युवा अपने स्वास्थ्य व भविष्य, दोनों को दांव पर लगा रहा है।
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