04 March 2022 10:32 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। डिजीटल दुनिया के ठगों से बीकानेर के आमजन के पैसे बचाने के मिशन में एसपी योगेश यादव की पहल कारगर साबित होती दिख रही है। प्रभारी रमेश सर्वटा के नेतृत्व में साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल लगातार आर्थिक ठगी का शिकार हुए लोगों को राहत पहुंचा रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार महज कुछ दिनों में ही साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल ने विभिन्न लोगों के कुल 5 लाख 33 हजार 963 रूपए बचा लिए हैं। ये पैसे अलग अलग ठगों ने अलग अलग ऑनलाइन तरीकों से ठगे थे। जिनमें ऑनलाइन खरीददारी, पेटीएम कस्टमर केयर सर्विस, फ्री क्रेडिट कार्ड, एसबीआई कस्टमर केयर, सोशल मीडिया, केवाईसी अपडेट मैसेज व फर्जी रिश्तेदार बनकर ठगी करना शामिल है।
सीआई रमेश सर्वटा के अनुसार 24 फरवरी को पांचू निवासी प्रकाश चंद ने सैल के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर ठगी के बारे में बताया। पीड़ित ने बताया कि उसने ऑनलाइन एक उत्पाद की बुकिंग थी। बुकिंग के बाद उसके पास एक कॉल आया, कहा कि मैसेज में आई ओटीपी बताइए। उसने ओटीपी बता दी। इसके साथ ही अकाउंट में मौजूद तीन हजार रूपए डेबिट हो गए। समय पर सूचना मिलने से सैल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डेबिट अकाउंट होल्ड करवाकर पीड़ित के तीन हजार बता लिए।
सर्वटा के अनुसार दूसरी ठगी 11 फरवरी को सदर थाना क्षेत्र निवासी भूषण कुमार के साथ हुई। भूषण ने गूगल पर पेटीएम के कस्टमर केयर नंबर सर्च कर उस पर बात की थी। वास्तव में यह नंबर किसी ठग के थे।ठग ने डेबिट कार्ड नंबर मांगे तो पीड़ित ने डेबिट कार्ड नंबर ही दे दिए। ठग ने कार्ड नंबर का दुरुपयोग करते हुए पीड़ित के खाते से 29898 रूपए उड़ा लिए। साईबर सैल ने यह अमाउंट भी होल्ड करवाकर बचा लिया।
तीसरी ठगी नयाशहर थाना क्षेत्र निवासी लोकेश स्वामी के साथ हुई। 11 फरवरी को उसके पास एक कॉल आया था। कॉलर ने स्वयं को इंडसइंड बैंक का कर्मचारी बताया। कहा कि आपको फ्री क्रेडिट कार्ड भेज रहे हैं। लोकेश उस कॉलर के झांसे में आ गया। कॉलर के कहे अनुसार अपने लैपटॉप पर एनी डेस्क खोलकर कॉलर को अपने लैपटॉप से कनेक्ट कर दिया। इसके साथ ही कॉलर ने लोकेश के क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर उसके अकाउंट से 98812 रूपए साफ कर दिए। साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल ने सूचना के साथ ही एक्शन शुरू किया और पीड़ित की गई हुई रकम बचा ली।
रमेश सर्वटा के अनुसार चौथी ठगी कालू निवासी लेखराम के साथ हुई। लेखराम ने 2 मार्च को गूगल पर एसबीआई बैंक के कस्टमर केयर नंबर सर्च किए थे। गूगल पर मिले नंबर पर फोन मिलाया तो कॉलर ने लेखराम से उसके अकाउंट की सारी डिटेल मांगी। इसके बाद लेखराम के मोबाइल पर एक ओटीपी आया। यह ओटीपी शेयर करना उसे भारी पड़ गया। ओटीपी शेयर करने के साथ ही ठग ने लेखराम के एसबीआई अकाउंट में पड़े 1 लाख 35हजार 795 रूपए गायब कर दिए। लेखराम ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत ही साईबर सैल को फोन कर दिया। सैल ने भी तुरंत ही एक्शन शुरू करते हुए रकम होल्ड करवा दी।
सर्वटा के अनुसार पांचवीं ठगी नयाशहर थाना क्षेत्र निवासी नितेश अरोड़ा के साथ हुई। 1 मार्च को अरोड़ा की इंस्टाग्राम आईडी पर एक अज्ञात व्यक्ति का मैसेज आया था। कहा कि वह उसे शेयर मार्केट में बड़ा प्रोफिट दिलाएगा। नितेश लालच में फंस गया। ठग ने इसी का फायदा उठाते हुए उससे 18700 रूपए हजम कर लिए। सैल को सूचना मिलने पर पीड़ित के पैसे बचाए गए।
सर्वटा के अनुसार छठी ठगी जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र निवासी मृनाल वाल्मीकि के साथ हुई। दरअसल, 28 फरवरी को मृनाल के मोबाइल पर एक नंबर से टेक्स्ट मैसेज आया था। मैसेज में केवाईसी अपडेट करने का निर्देश दिया गया था। मृनाल ने लिंक पर क्लिक कर डिटेल्स डाली तो उसके अकाउंट में पड़े 38 हजार रूपए डेबिट हो गए। मृनाल ने सैल के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दी तो सैल ने उसके पैसे बचा लिए।
सातवीं ठगी 5 फरवरी को जयनारायण व्यास कॉलोनी निवासी किशोर सिंह शेखावत के साथ हुई। सर्वटा के अनुसार एक अज्ञात ठग ने शेखावत के नंबर पर फोन किया। खुद को शेखावत का रिश्तेदार बताया। कहा कि इमरजेंसी है पैसे चाहिए। शेखावत ने 19555 रूपए उसके बताए अकाउंट में डलवा दिए। बाद में पता चला कि रिश्तेदार के नाम से किसी ठग ने कॉल किया था। इस पर साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल को फोन कर सूचना दी गई। सैल ने कार्रवाई करते हुए पैसे होल्ड करवा दिए।
उल्लेखनीय है कि ठगी का शिकार वही लोग होते हैं जो किसी को भी फोन पर अपने अकाउंट, डेबिट कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड, ओटीपी आदि निजी जानकारियां देते हैं। इसके अतिरिक्त अज्ञात व्यक्ति को एनी डेस्क से जोड़ना, मुफ्त की स्कीमों के लालच में फंसना, अपुष्ट श्रोतों से कस्टमर केयर नंबर प्राप्त करना, हर किसी ऑनलाइन माध्यम से शॉपिंग करना, सोशल मीडिया पर अज्ञात व्यक्तियों के झांसे में फंसना ठगी और ठगों को आमंत्रण देना है। आप किसी भी बैंक का कस्टमर केयर नंबर उसकी ऑफिशियल वेबसाइट से ही प्राप्त करें। किसी भी कीमत पर अपनी निजी जानकारियां उपलब्ध ना करवाएं। बैंक कभी फोन पर यह सब जानकारियां नहीं मांगता। उल्लेखनीय है कि एसपी योगेश यादव की पहल साईबर क्राइम रेस्पॉन्स सैल एएसपी अमित कुमार के निर्देशन में कार्य कर रही है।
RELATED ARTICLES
04 November 2025 03:42 PM
12 December 2023 06:02 PM
