28 March 2020 10:50 PM

कोरोना संदिग्ध, पॉजिटिव व नेगेटिव में है अंतर, इनको भी रखते हैं आइसोलेशन में
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। देश इस वक्त कोरोना से ज्यादा सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी झूठी जानकारियों से परेशान हो रहा है। ख़ासतौर पर कोरोना संदिग्ध, कोरोना पॉजिटिव व कोरोना नेगेटिव के बीच अंतर का ज्ञान न होना सोशल मीडिया पर अफवाहों को बढ़ा रहा है। यही अफवाहें भय का माहौल पैदा कर रही हैं, जिससे प्रशासन के निर्णय भी प्रभावित हो रहे हैं। तो वहीं अव्यवस्था भी फ़ैल रही है।
'ख़बरमंडी' न्यूज़ आपके लिए कोरोना संदिग्ध, पॉजिटिव व नेगेटिव में अंतर को साफ करने वाली सारी जानकारी लेकर आया है ताकि आप कुछ भी शेयर करने से पहले रुकें और सोचें ।
वहीं सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले मैसेज पर यकीन ही न करें। ज्ञात रहे कि कोरोना संदिग्ध वह है जिस पर चिकित्सा विभाग को कोरोना बीमारी से पीड़ित होने का संदेह हो। यानी साफ है कि संदिग्ध कोई बीमार नहीं है। उल्लेखनीय है कि यह संदेह कोरोना मरीज़ की ट्रेवल व कॉन्टेक्ट हिस्ट्री के आधार पर पैदा है। ऐसे में जिस व्यक्ति की ट्रेवल हिस्ट्री व कॉन्टेक्ट हिस्ट्री से विभाग को संदेह होता है उसे संदिग्ध मानते हुए उसकी प्राथमिक जांच की जाती है। यहां अगर संदिग्ध को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ नहीं है तो उसे होम आइसोलेशन में डाल देते हैं। वहीं अगर संदिग्ध को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ में से कोई भी समस्या हो तो उसका सैंपल भी लिया जाता है। ज्ञात रहे कि यही सैंपल जब जांच होकर आता है तो दो तरह के परिणाम आते हैं, कोरोना नेगेटिव अथवा कोरोना पॉजिटिव। अब यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आती है, इसका मतलब उस संदिग्ध को कोरोना नहीं हुआ है। वहीं अगर रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है तो वह कोरोना बीमारी से पीड़ित हैं। यानी कि कोरोना वायरस ने उसे चपेट में ले लिया है। यहां बता दें कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही विभाग उसकी कॉन्टेक्ट व ट्रेवल हिस्ट्री पर विस्तृत जांच शुरू करते हुए कार्रवाई शुरू करता है। कार्रवाई जानने से पहले यह भी समझ लीजिए कि यह कॉन्टेक्ट व ट्रेवल हिस्ट्री क्या है।
ट्रेवल हिस्ट्री वह है जिसमें संदिग्ध किस देश, राज्य, जिले अथवा शहर से आया है। वह किन किन परिवहन साधनों का उपयोग करके किन किन स्थानों से होते हुए गंतव्य पर पहुंचा है आदि। वहीं कॉन्टेक्ट हिस्ट्री के तहत यात्रा शुरू करने से पॉजिटिव पाए जाने तक वह मरीज़ किन-किन लोगों के संपर्क में आया व कौन कौन सी वस्तुओं आदि को छुआ। इन्हीं दोनों प्रकार की हिस्ट्री के आधार पर चिन्हित व्यक्तियों को फिर से संदिग्ध मानते हुए जांच प्रक्रिया अपनाई जाती है वहीं जिन स्थानों, भवनों, वस्तुओं आदि पर मरीज़ गया या उपयोग किया, उन सभी को सील कर दिया जाता है। ऐसे में कोरोना संदिग्ध, पॉजिटिव व नेगेटिव का अंतर समझकर आप स्वयं व दूसरों को अफवाहों के दुष्प्रभाव में आकर परेशान होने से बचा सकते हैं। 'ख़बरमंडी' न्यूज़ आपसे अपील करता है कि किसी के यहां चिकित्सा की टीम आ जाने, उसे आइसोलेशन में डाल देने अथवा जांच करवाने भर से उसे कोरोना का मरीज़ न समझें क्योंकि कोरोना पीड़ित होना अलग बात है और संदिग्ध होना अलग बात।
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