14 November 2022 04:07 PM

	
				 
				      	 
			     
	
				 
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) शहर में एक रेलवे ट्रैक ऐसा भी है जो सांखला रेल फाटक से भी बड़ा नासूर साबित हो रहा है। हालात यह है कि इसकी वजह से इंसान की अंतिम विदाई में भी खलल पैदा हो रहा है। मुद्दा चौखुंटी पुलिया के नीचे से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक से जुड़ा है। सिस्टम ने यहां पुलिया तो बना दी मगर समस्याएं घटाने की जगह और बढ़ा दी।
स्थानीय निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश आचार्य का कहना है कि रेलवे ने शहर को दो हिस्सों में बांट दिया है। आने जाने के व्यवस्थित रास्ते तक नहीं छोड़े हैं। पूर्व क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्रवासियों का श्मशान गृह आता है। इधर ही आचार्यों का श्मशान भी है। आचार्य के अनुसार शहर के आचार्य चौक के निवासी भी अंतिम संस्कार हेतु यहां आते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य समाजों के श्मशान गृह भी रेलवे ट्रैक के पूर्व हिस्से में हैं। सभी समाजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे असंवेदनशील बना बैठा है। इसकी वजह से अंतिम यात्रा में भी रेलवे खलल पैदा हो रहा है। रेलवे ने एक से दूसरी ओर आवागमन के लिए किसी तरह की जगह नहीं छोड़ी है। पुलिया से आना भी संभव नहीं है। ऐसे में इंसान जाए तो जाए कहां?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पूर्व जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर समस्या से अवगत करवाया गया था। उन्होंने कमेटी भी गठित कर दी मगर कमेटी ने आज तक कोई कार्य नहीं किया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस बार किसी भी पार्टी के किसी भी व्यक्ति को वोट नहीं देंगे। जब जनप्रतिनिधियों को आम जन की पीड़ा से सरोकार ही नहीं है तो वोट कैसे।
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